Sunday 17 October 2010

प्यारी तेरी याद औन्दी

प्यारी तेरी याद औन्दी, परदेश जैकी...
कै मा लगौ छ्वी बात मी, अपण दिल की - २ (मेल)
स्वामी जी तुम्हारी याद औन्दी, घास काटी की
हाथ फ़टी गेन स्वामी, मोल गाडी की - २ (फ़ेमेल)

होटल कु खाणु हे प्यारी, बडी लम्बी डयुटी - २
तेरी हाथ की बणायी प्यारी, याद औन्दी रोटी -२ (मेल)
याद तुम्हारी औन्दी हे स्वामी, रोन्दू घुटी घुटी -२
चिठठी मा लिखी दिया स्वामी, कब औण छुटटी - २ (फ़ेमेल)

प्राईवेट नौकरी हे प्यारी, मिलदी नी छुट्टी - २
बग्वालियो मा छुट्टी लेण की, दियी छ अर्जी - २ (मेल)
झट घर आवा हे स्वांमी, मन छ उदास - २
तुम बगैर मेरा हे स्वामी, भूख ना प्यास - २ (फ़ेमेल)

नौकरि और पापी माया न दुर करी दी - २
जान सी जादा चाहन्दू जितै, वीसी दुर छी - २ (मेल)
या गिची पापी पुटकी, जू तू नी होन्दी
दवी पैसो क बान कन, दुर लिजौन्दी - २ (फ़ेमेल)

हे प्यारी तेरी याद औन्दी, परदेश जैकी
कै मा लगौ छ्वी बात मी, अपण दिल की - २ (मेल)
स्वामी जी तुम्हारी याद औन्दी, घास काटी की
हाथ फ़टी गेन म्यार, मोल गाडी की - २ (फ़ेमेल)

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - गीता चन्दोला जी एंव अर्जून रावत, गीत - विनोद जेठुडी

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

No comments:

Post a Comment