Friday 23 April 2010

आवा बौडी अपणो तै ना जावा छोडी



आवा बौडी अपणो तै ना जावा छोडी

आवा बौडी आवा बौडी
अपणो तै ना जावा छोडी
यखुली छाजा मा बैठी छ बोडी
बोडा लेणु छ लखडा तोडी
धै लगाणा छ्न बांज कुडी
मेरा अपणो आवा बौडी

मै अभागी ईन भी रायी
ब्यो करि तै ल्यायी ब्वारी
पहली हि महिना चली गेय दिल्ली
बुढि-बुढिया हम रै गें यखुली
बुढि-बुढियों तै जावा ना छोडी
मेरा अपणो आवा बौडी

दादा मनु छ हुक्का कि सोडी
पर आन्खियों मा नाति कि मुखडी
सालो ह्वेगेन नाती नी बौडी
सभी चली गेन हम तै छोडी
मेरा अपणो आवा बौडी
हमतै ना जावा छोडी

दादी की ता झुरी गे जिकुडी
लडिक ब्वारियों का बाठा देखी
गोर गुठ्यार भैसियों कि तान्दी
आज देखा सब पुडियां छ्न बाझी
आवा बौडी आवा बौडी
अपणो तै ना जावा छोडी

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Thursday 15 April 2010

गढवाली गीत येजा येजा रे दगडीयों

येजा येजा रे दगडियो, येजा येजा धी - २
खट्टू पाणी छाछी कु जरा, थुडी सी पेजा धी !!
येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी !

येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी (कोरस)

झन्गोरु खैजा, बाडी खैजा, कोदु कि रोटी.....
दाल फ़्राई छोडी कि खा, घयू खिचडी - २
येजा येजा कुछ ता खैजा, मुक ना मोडा
गेहू चौल क पैथर तुम, यूं तै ना छोडा......
येजा येजा रे दगडियो, येजा येजा धी
बसकाल मा साग भुजेलु कु सुकसा बणा धी....
येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी...

येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी (कोरस)

गेठी खैजा.. तैड खैजा, बसिगु सुजा धी
सभी रोगो कि छ्न यु, पक्की दवायी - २
येजा-येजा कुछ ता चखा, जलडा बुट्ला !
पहली जमानु क लोगोक, यु छ्न अहार !!
येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी......
भट्ट.. मरसु.. मुन्गरि भुजी, किसा भुरा धी..
येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी,
ईक घुटाग पल्यो कु जरा थुड्सी पेजा धी

येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी (कोरस)

ईश्वर खैजा, किनगोडू बेडु तिमलु खवा धी
आम फ़लेन्डु ढऔ, दगडी केमु लिवा धी - २
येजा येजा लगडि खैजा, गथडू पट्डू....
कन्डाली क साग दगडी बणा छ्छेन्डू.......
येजा येजा रे दगडियो येजा येजा धी,
खट्टू पाणी छाछी कु जरा थुडी सी पेजा धी

आज कि युवा पिढि को अपने उत्तरान्चली भोजन, पकवान, फ़ल-फ़ुल, सब्जी, रोटी-दाल आदि को खाने के लिये उस माटी का न्योता जिसमे हमारे पुर्वजो ने कठिन मेहनत कर हमे ईस योग्य बनाया लेकिन---------->,,,,,,


Copyright © 2010 Vinod Jethuri

उत्तरान्चली एशोसियेसन आफ़ ईमिरात परिवार


उत्तरान्चली एशोसियेसन आफ़ ईमिरात परिवार क सभी सदस्यो कु अपणि संस्क्रति कु प्रति प्रेम/अपणि बोली-भाषा सी लबाव/अपणा उत्तरान्चली भै बन्दो दगडी अपणुपन कु अह्सास:-

                ये परिवार कु सदा प्रयास रायी कि कै प्रकार सि हम अपणु संस्क्रति तै रास्ट्रिय और अन्तरास्ट्रिय स्तर पर विकसित करा...हमारु खाणू (पकवानॊ) कि, हमारु पहनाओ कि, हमारु स्वर्ग समान उत्तरान्चल मा प्रयटन कु, हमारि बोली भाषा कि रास्ट्रिय और अन्तरास्ट्रिय स्तर पर पहचान होऊ....पर सबसी पहली अपणो बटी शुरुवात करण होलि...येही प्रयास क दगडी अपण तौहारों तै अपणु तरिका सि मानाण कि पुरी कोशिस रैन्दी....दिपावली तै "बग्वाल" क रुप मा, नयु ईयर तै "कौथिक" जै मा कि प्रितम भरतवाण जी, मीना राणा जी, सन्गीता ढौन्डीयाल जी व शिव दत्त पन्त जी न अपणि मधुर स्वरो सि दुबई मा रौनक बिखेरि दे छ फिर होली तै "छरोली" और फिर होलि मिलन "छरोली टोली" दुबई बटी अबु धाबी.....छरोली टोली कि बिशेष मकसद व आक्रषण छ उत्तरान्चली पहनाव.......!
                     १९ मार्च २०१० होली/सांस्क्रतिक मिलन (छरोली टोली) कु प्रोग्राम बहुत हि सुन्दर सफ़ल व सुखद रायी... सुबेर बस अजमान बटी निकली और शारजहां, दुबई होईखन अबु धाबी कि तरफ़ चली.. बस मा ढोल-दमो कि दगडी गढवाली/कुमावनी गानो कि धुन पर ज्वान-जमान, दाना-सयाण सभी लोगो न खुब आन्नद लिनी...अबु धाबी पहुंची खन बडु हि सुन्दर प्यारु तरिका सि पठाई जुन्दाल लगै कि अबू धाबी मा बस्या उत्तरान्चली भै-बन्दॊ/दिदी-भुलीयो न मिलीखन स्वागत सतकार करि..वाकु बाद उडद कि दाल कि बलुणि वाह क्या बुन तब और दिन कु खाणू आलु गोभी कि भुजी राजमा कि दाल सभी लोग अन्गुली चटदी रै गेन.. बहुत बहुत धन्यबाद अबु धाबी परिवार कु जुन ईतका सुन्दर तरिका सि स्वागत सतकार क दगडी स्वादिस्ट खाणु और अच्छी ब्यवस्था करि.....!
                               ग्रुप कु मकसद उत्तरान्चली सन्सक्रति कु विकास क साथ-साथ अपणी उत्तराखन्डी भै-बन्दॊ कि कै भि प्रकार सि सहायता करण - मदद बहुत सि प्रकार सि हवे सकदिन जन कि कैतै नौकरी लगाण मा, कैतै बिजनीस बढाण मा, कैतै शादी तै लडका- लडकी ढुन्डण मा ता कैतै कै प्रकार सी अभी कुछ महिना पहली श्री जसपाल राणा कि आकसमिक मिर्त्यू हवे गे छ ता ग्रुप क सभी सदस्यो न थोडा थोडा पैसा जमा करि तै उन्कु परिवार तै सहायता क रुप मा देढ लाख (१५००००/-) रुपये भेजी छ.. "एकता मा बहुत बडी ताकत होन्दी यदी यी ताकत कु प्रयोग हम अच्छा कामॊ मा करा ता हमारी कामयाबी आसमान कि बुलन्दिया छ्वी सकदी"....हमार दगड मा बहुत सि उत्तराखन्डी बिजनिसमैन भी छन जुकी उपकरण व सेवा तै हम प्रयोग करि सकदिन और वाकु बदलू हम तै छुट मिललू ये मा दवीयो तै लाभ होलू उ तै उन्कु बिजने़स बढाण मा और हम तै सस्ती किमतो पर सामान लेण मा....!
                     हम सभी लोग यख बिदेश अया छन ता अपणु परिवार कु भरण पोषण ठिक प्रकार सि करि ही सकदिन....हमारु उत्तराखन्ड मा बहुत सि परिवार ईन छ्न जुन्कू चुल पर ब्याखुन्दी दां आग नी जगदी किलै कि उन्कु घर मा कुछ नी छ पकाणु तै... बहुत सि बच्चा (नौन बाल) ईन छ्न कि जुन स्कुल कु मुक नी देखि किलै कि स्कुल मा फिस देण कु पैसा नी छ और कै भी प्रकार सि अगर ८-१० पास हवे गेन ता वासी अगने पढी नी सकदन किलै कि परिवार कि जिमेदारि ये जान्दी...बुढी-बुढ्या (बोडा-बोडी/दादा-दादी) तै बाझा कुडा जेल लगणू छ किलै कि कैक दगडी बचेण...लडीक ब्वारियों कि आण कि आ़स मा आंखो कु पाणि सुखी गे...यु.ए.ई ग्रुप फ़ाउन्डेसन शुरुवात ग्रुप क दगडि मिलि तै काम करलु और एक छोटू सि कोसिस व शुरुवात का रुप मा हमन फ़ाउन्डॆशन शुरुवात कु माध्यम सि उ बच्चो तै १ लाख रुपये (१०००००/-) भेजी.....और अगने भि कोशिश राली उ रैबासियों खातिर कुछ करण कि जुन अपणि सन्स्क्रति कि बुझदी दयो (दिया) तै हाथो न ढकी कि जगै कि रखियु छ......!

"जै कुल देवता नागरजा-जय देवभुमी उत्तराखन्ड"

धन्यबाद व सुभकामनायें...!

विनोद सिंह जेठुडी

टीम यु.ए.ई ग्रुप

हैपी न्यु ईयर - गढवाली गीत

          हैप्पी न्यु ईयर - 2010
पुराणु साल छोडी करला, नयु कू सफ़र
तुम तै म्यारु पहुंची यारॊ, हैप्पी न्यु ईयर - २
हैंसी हैंसी और खुशी खुशी, कटू यु सफ़र
हैपी न्यु ईयर दगडियो, हैप्पी न्यु ईयर

दुआ मी करदु यारो, सदा रैया सुखी......
औण वाल साल तुमतै, दिया हर खुशी - २
हैंसी- हैंसी.......
हैंसी- हैंसी और खुशी-खुशी कटू यु सफ़र
सभी भाई- बहिण्यो तै मेरु हैपी नयु ईयर
हैपी न्यु ईयर दगडियो हैप्पी न्यु ईयर

एक बोतल चलली विस्की.... एक बोतल वियर
मिली-जुली कि रौला सभी, हेल्लो माई डियर - २
मिली-जुली............
मिली-जुली और हंसी खेली तै कटू यु सफ़र
सभी दगडियों तै मेरू..... हैप्पी नयु ईयर
हैपी न्यु ईयर दगडियो हैप्पी न्यु ईयर

जिन्दगी कि दौड मा, क्वी छुडू ना पैथर
हाथ पकडी जौला दगडी, भोल क्या खबर - २
जितका जैसी...........
जितका जैसी भलू हवे साकु, छोडा ना कसर
सभी बुढ्या ज्वान दगडियो, हैप्पी न्यु ईयर
हैपी न्यु ईयर दगडियो हैप्पी न्यु ईयर

हैपी न्यु ईयर दगडियो हैप्पी न्यु ईयर......
हैपी न्यु ईयर दगडियो हैप्पी न्यु ईयर..........

गीतकार - विनोद जेठुडी,  गायक - श्री दिनेश रावत व  एलबम - "दगडियों कि दगडी"
विडियो कि बहुत बुरी क्वालीटी के लिये खेद व अफ़सोस:-
http://www.youtube.com/watch?v=nqx5MkYjlTs

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

होली त्यौहार के आमन्त्रण हेतु लिखी गयी कविता (हैपी होली)

होली कु रन्ग मा, रन्गूलू संसार..
आवा दगडियों जौला सभी बीच ममजार....
एक हैकु पर मरला सभी, पिचकारी कु धार...

मै भि जगा मै भी आणु, बीच ममजार....

सभी मनौला मिलीक, आवा ये तौहार....
अपणो सी दुरकू यू, चितेलू नी भार.....
सबसी भलू प्यारु अपणू होली कु त्यौहार...
चला दगडियो दगडियों जौला सभी बीच ममजार...


होली कु रन्ग मा, रन्गूलू संसार.. 
आवा दगडियों जौला सभी, बीच ममजार.... 
एक हैकु पर मरला सभी, पिचकारी कु धार... 
मै भि जगा मै भी आणु, बीच ममजार....

सभी मनौला मिलीक, आवा ये तौहार.... 
अपणो सी दुरकू यू, चितेलू नी भार..... 
सबसी भलू प्यारु अपणू, होली कु त्यौहार... 
आवा दगडियो जौला सभी बीच ममजार...

रंग-रंगीली होली, प्यारी होलीकु त्यौहार 
सभियों कु जीवन मा हो, खुशियों कु बहार....
हंसी-खुसी रौला मिली, दुर समुद्र पार..
होली खिलणू अंया सभी, बीच ममजार...

क्वी दिखणु गदन वार, क्वी तकणू पार.... 
तुमही बुला ! ईन मा कभी, हवायी क्या भल्यार ?
तुम भी अया हो जरुर, लग्या रौला सार.....
मिली जुली कि बणौला यख, छोटु सी पहाड.....

होली खिलणू अंया सभी, बीच ममजार...
आवा दगडियो जौला सभी बीच ममजार... 

26 फ़रवरी 2010 को होली का त्यौहार उत्तरान्चली येसोसियेसल आफ़ ईमिरात परिवार के सदस्यों द्वारा ममजार बिच दुबई मे मनाया गया..



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