Friday, 23 September 2011

किसमत (जोग-भाग)

बहुत सी ईन लोग छन जू दिन रात मेहनत करि तै सुखी जीवन क सपना दिखदन, परिवार तै खुशी रखण चान्दन.. लेकिन किसमत ऊ अभागो कु दगडी इन खेली खिलदी कि हर काम मा निराश ही होण पुददु, हुयू-ह्वायू काम मा भी असफलता हासिल होन्दी.. याकु तै किसमत खराब नी बुलण ता क्या बुलण.....!






भटक्यूँ यख, फिरडयूँ तख
सदानी ह्वे दौड-भाग........
होन्दु वी छौ दगडियोँ !
जू लिख्युँ छ जोग-भाग ।
अफु कु कभी कमी नी चाही
अच्छी-अच्छी नौकरी भी पायी
जब भी सोची सुखी रौलु.......
किसमतन तभी धोखा द्यायी ।
क्या ता मिन सोची छायी
अर क्या सी क्या आज ह्वे ग्यायी
सुची-साची रैगे जिकुडी ....
किसमत न ईन रुलायी ।
बचपन सी आजतक
सदानी मिन खैरी खायी
जोग-भाग इन छन कि....!
जोग न जोगी बणायी ।
कत्का करा कुछ भी करा
किसमत न सदा हरायी...
जत्का लिख्यु जोग-भाग
वाँसी जादा कुछ नी पायी ।
किसमत जैकी जनी होन्दी
ऊनी ही होन्दु भाई.........
किसमत कु अगने कुछ ना
किसमत न क्या-क्या करायी ।

सर्वाधिकार सुरक्षित ©  विनोद जेठुडी, 2010
22 सितम्बर 2011 @ 11:45 PM

Saturday, 23 July 2011

खुबसुरत उत्तराखंड की खुबसुरत झलकियाँ



































ईस ब्लॉग मे प्रकाशित सभी फोटो मेरे द्वारा खिँची गयी है ।
विनोद जेठुडी

Monday, 11 July 2011

तिबारी-डिंडाळी

पिछले ४ महिनो मा ब्यस्तथा कु कारण ब्लोग मा एक भी रचना पोस्ट नी करि सक्यो.. ४ महिना क बाद आज एक कविता पोस्ट करणु छौ आशा करदु आप सभी पढेदर दगडियो तै पंसद आली... 

तिबारी-डिडांळी अर  छ्जा-धुर्पळी।
गंज्याळी की गांज सी गुंजदी उर्ख्याळी॥

चुल्ल की मुछ्याळी औंछ पळ्यो की भदाळी।
चाय कि कितळी निस भत्ती की पिठळी॥

फ़ाणु पळ्यो झूळ्ळी झंगोरू तातू छ कंडाळी।
बनी - बनी क खाणु न भुरी छ भदाळी॥

गुर्याळ-बांज कुळैं-बुरांस झपलंगी बणी डाळी।
डांडी-कांठी गाड-गदनियो मा छ्यी हरियाळी॥

हाथ धगुली नाक नथुली गौळ की खग्वाळी।
अंगडी फ़ुतकी सजदी कन घागरी फ़ुर्क्याळी॥

ढोल दमो बजद जब डौरु अर  थकली।
देवी दिवतो कि तब जात्रा जाली॥

बोण की घसेरी लेन्दी घास की गडोळी।
ग्वेरू पन्डेरियो कि कन जांदी बणी टोली॥

भला लोग भलु समाज मनखी बडु मयाळी।
देवभूमी क छवा हम कुमयां अर  गढवाळी॥

सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी, 2010
7  जुलाई 2011 @ 04:26 PM

Saturday, 9 July 2011

चिट्ठी पत्री (गढवाळी साहित्य अर स्रजन को दस्तावेज - २०१०)

देवभूमी उत्तराखन्ड क पंच बद्री, पंच केदार और पंच प्रयाग

पंच बद्री:-
आदि बद्री - कर्णप्रयाग  रानीखेत रोड पर
वृद्ध बद्री - पीपलकोटी और जोशीमठ क नजदीक
योगध्यान बद्री - पन्दुकेश्वर (जोशीमठ)
भविष्य बद्री - जोशीमठ - मलारी रोड पर
बद्री विशाल - बद्रीनाथ

पंच केदार:- (पंची रुद्रप्रयाग मा छन)
तुंगनाथ
रुद्रनाथ
मद्महेश्वर
कल्पेश्वर
श्री केदारनाथ

पंच प्रयाग:-
देवप्रयाग - भागीरथी
रुद्रप्रयाग - मन्दाकिनी
कर्णप्रयाग - पिंडर
नंदप्रयाग -नन्दाकिनी
विष्णुप्रयाग - धौलीगंगा


विनोद जेठुडी