Saturday, 23 July 2011
Monday, 11 July 2011
तिबारी-डिंडाळी
पिछले ४ महिनो मा ब्यस्तथा कु कारण ब्लोग मा एक भी रचना पोस्ट नी करि सक्यो.. ४ महिना क बाद आज एक कविता पोस्ट करणु छौ आशा करदु आप सभी पढेदर दगडियो तै पंसद आली...
तिबारी-डिडांळी अर छ्जा-धुर्पळी।
गंज्याळी की गांज सी गुंजदी उर्ख्याळी॥
चुल्ल की मुछ्याळी औंछ पळ्यो की भदाळी।
चाय कि कितळी निस भत्ती की पिठळी॥
फ़ाणु पळ्यो झूळ्ळी झंगोरू तातू छ कंडाळी।
बनी - बनी क खाणु न भुरी छ भदाळी॥
गुर्याळ-बांज कुळैं-बुरांस झपलंगी बणी डाळी।
डांडी-कांठी गाड-गदनियो मा छ्यी हरियाळी॥
हाथ धगुली नाक नथुली गौळ की खग्वाळी।
अंगडी फ़ुतकी सजदी कन घागरी फ़ुर्क्याळी॥
ढोल दमो बजद जब डौरु अर थकली।
देवी दिवतो कि तब जात्रा जाली॥
बोण की घसेरी लेन्दी घास की गडोळी।
ग्वेरू पन्डेरियो कि कन जांदी बणी टोली॥
भला लोग भलु समाज मनखी बडु मयाळी।
देवभूमी क छवा हम कुमयां अर गढवाळी॥
सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी, 2010
7 जुलाई 2011 @ 04:26 PM
Labels:
गढवाली कवितायें
Delhi India
Uttarakhand, India
Saturday, 9 July 2011
देवभूमी उत्तराखन्ड क पंच बद्री, पंच केदार और पंच प्रयाग
पंच बद्री:-
आदि बद्री - कर्णप्रयाग रानीखेत रोड पर
वृद्ध बद्री - पीपलकोटी और जोशीमठ क नजदीक
योगध्यान बद्री - पन्दुकेश्वर (जोशीमठ)
भविष्य बद्री - जोशीमठ - मलारी रोड पर
बद्री विशाल - बद्रीनाथ
पंच केदार:- (पंची रुद्रप्रयाग मा छन)
तुंगनाथ
रुद्रनाथ
मद्महेश्वर
कल्पेश्वर
श्री केदारनाथ
पंच प्रयाग:-
देवप्रयाग - भागीरथी
रुद्रप्रयाग - मन्दाकिनी
कर्णप्रयाग - पिंडर
नंदप्रयाग -नन्दाकिनी
विष्णुप्रयाग - धौलीगंगा
विनोद जेठुडी
Subscribe to:
Posts (Atom)