Monday, 17 January 2011

चथरू कु ब्यो (उत्तराखन्डी शादी)


चथरू कु बाबा न चथरू तै ब्वाली
चल बेटा ब्वारी देखी औला..!
पाली गौंव की पधान जी की
नौनी कु टिपडा ले औला..!!
बहुत चर्चा सुणी छ ती नौनी की
चल जरा जाची पूछी ये औला..!

मी भी बूढ्या हवे ग्यों और...
तेरी मांजी भी अब ज्वान नी रायी
काम काज नी होन्दी तेरी मां सी
तेरी मांजी दगड हाथ बटाली..!!

चली गेन जी नौनी दिखणू तै
नौनी देखी ता भली मयाली..!
दिख्याण दर्शन कु ग्वारी उज्याली
रुप जन जुन जून्याली...
काम काज मा सिर बिराली..!

झट सी चथरू न हां बोलियाली
फ़ट सी पधान जी न टिपडा दियाली
पडा जी न भी सट दिखियाली..!
गांव मा सरै कल्यो बटियाली.
चथरू तै बल ब्वारी मगियाली.!!

बिखोदी तै बल ब्यो की तैयारी
अरसा कल्यो सब बणैयाली
धूम धाम सी ब्यो भी हवे ग्यायी
पूरू परिवार मा खुशी छायी
चथरू कु ब्यो हवे ग्यायी..
चथरू कु ब्यो हवे ग्यायी..

२६.९.२०१० समय ७:१० सुबह
Copyright @ Vinod Jethuri, 2010

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर .. विनोद भाई .. कल आपकी यह पोस्ट चर्चामंच पर होगी .. पुनः ..

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  2. आज ४ फरवरी को आपकी दो रोमांचकारी शादी चर्चामंच पर है... आपका आभार ..कृपया वह आ कर अपने विचारों से अवगत कराएं

    http://charchamanch.uchcharan.com/2011/02/blog-post.html

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