धोनी ती खुनी, बहुत बधायी..
उत्तराखन्ड सी, प्रेम दिखायी..!
साक्षी सी होयी, सगायी..
चट मंगनी और, पट ब्याह करायी !!
अल्मोडा छ जीला, गांव छ लवाली
पालन पोषण, रांची मा हवायी...!
पिताजी पान सिहं, माताजी देवकी
जयन्ती बैणी, जितेन्द्र छ भाई...!!
कै सन जरा भी, खबर नी हवायी.
साठ आदमियों की, बरात लिजायी !
महान आदमी, छयी तू धोनी.....
महानता कु, परिचय करायी....!!
स्यालियोन तैतै, दे होलु गाली..
जुता भी. होलु लुकायी.....!!
ढोल-दमो मा, लगी होलु मन्डाण
मुसाकबाज भी, होलु बजायी..!!
मैच मा खेली, ट्वन्टी-ट्वन्टी..
पर साक्षी न, बोल्ड करायी.!
सुखमयी हो, सफ़र सुहावना
जीवन की या नयी पारी...!!
अपणी सन्सक्रति सी, प्रेम दिखायी
उत्तराखन्ड कु, मान बढायी....!
जुगराज रैया, तुम दवी का दवीयी
हमारी सुभकामना, तुमतै छायी..!!
"पहाडी छौ मी, पहाडी ही रौलु
पहाड सी प्रेम, रौलू सदा..!
हंसा-खेला और, फ़ला फ़ुला..
अपणु पहाड कु, नाम बढा..!!"
Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Sakshi garhwali chow ya Kumaoni?
ReplyDeleteShakshi bhi kumawani hai bhai..
ReplyDeleteDhanybaad Tippani ke liye..