Thursday 21 October 2010

पहली जमानू की छंवी क्या लगाणी

बेटी ब्वारी पहली जांदा छ धाणी
घास गडोली मुंड मा लेंदी
काम काज मा मस्त हुंया छन
पहली जमानू की छंवी क्या लगाणी

बैसाख महिना, थौल मा जाणी
चुडी कांडी और, फ़ून्दी लाणी
सौण क महिना, तड-तड पाणी
भादों कु घाम मा, मुन्गरी सूखाणी

कार्तिक महिना, आली दिवाली
स्वामी जी आला, खुद विसराली
चैत मा डडवार, मन्गला औजी
बेटी-ब्वारियों का, आला मैती

कन जमानू औयी, होलू कुजाणी
गौंव मा अब क्वी, नीछन राणी
डोला बटी छ, ब्वारी चिल्लाणी
मी भी दगडी, देश लिजाणी

तनखा पाणी, कुछ नी होन्दी
 फिर भी ब्वारी, दगड मा रौन्दी
बूढ्या ब्वे-बाब छन, बूखी घर मा
और ब्वारी.....
हजार रुपया की साडी लगान्दी

"उन्दारी क बाठ, ना देख ठाठ
फट रौडली खुट !
उकाली कू बाठ मठू-मठू काट
सीधू पहुंचली टुख !!"

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Sunday 17 October 2010

हाय रे मोनिका

हाय हाय हाय रे ओह हाय हाय रे........
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका- २
तेरा जवानी का झट्का - आय हाय रे मोनिका......
मेरा दिल मा बसी ग्यायी - आय हाय रे मोनिका
तेरा रुप मा ख्वेग्योऊ - आय हाय रे मोनिका
दिल मेरू हैरी ग्यायी - आय हाय रे मोनिका

अपणी पतली कमर तै, एत्का ना लचकौ.
डौर मी तै लगणी कखि सटकू ना पॊडी जौ..- २
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका - २ (कोरस)

सौन्या दिदा कु ब्यो मा मैने, तुझको जो देखा
तब बटिन मै सन पतानी, क्या हो गया - २
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका - २ (कोरस)

लगदू मैतै तुवेतै देखी, प्यार हो गया
तेरी स्वाणी मुखडी मेरे. दिल मे बस गया - २
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका - २ (कोरस)

सालो हुवेगे तुवेतै देखी, झुर मेरु जिया
कन भग्यान होलू मनखी, जू तेरु पिया - २
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका - २ (कोरस)

हाय हाय हाय रे ओह हाय हाय रे........
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका- २
तेरा जवानी का झट्का - आय हाय रे मोनिका......
मेरा दिल मा बसी ग्यायी - आय हाय रे मोनिका
तेरा रुप मा ख्वेग्योऊ - आय हाय रे मोनिका
दिल मेरू हैरी ग्यायी - आय हाय रे मोनिका
आई हाय रे हाय रे मोनिका, आई हाय रे हाय रे मोनिका- २

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - अर्जून रावत, गीत - विनोद जेठुडी

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

ओ छोरी हाय रे छोरी

ये छोरी हाय छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरयू, पटपटू सुलार - २

जमानू दिखा धौ छोरी, डलधीन सैन्ट
बजार मा जान्दी छोरी, पैरी जिन्स कि पैन्ट - २
ये छोरी हाय छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरयू, पटपटू सुलार - २

कालेज मा जान्दी छोरी, हाथो मा मुबैल
जब भी दिखदू त्वै सन रैन्दी गैल्याणियो क गैल - २
ये छोरी हाय छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरयू, पटपटू सुलार - २

सजी धजी की जान्दी छोरी गैंव खोलो बजार मा - २
सब छोरियो सी तू अलग, ईक छ्यी हजारो मा
ये छोरी हाय छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरयू, पटपटू सुलार - २

सूट-बूट परी छोरी, बौबी कट बाल .... - २
शहरो कू फ़ैसन छोरी, पहुन्चीगे गढवाल...
ये छोरी हाय छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरयू, पटपटू सुलार - २

ओ छोरी हाय र छोरी, तेरु यू मीजाज
एक ताण्या कुर्ता पैरय़ू, पटपटू सुलार....!!!

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - गजेन्द्र राणा जी, गीत - विनोद जेठुडी

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घौर की खूद

घौर की आज याद छ आणी, मांजी बाबा की खूद सताणी - २
नी मणदू यू पापी पराण, गांव खोलो की याद छ आणी - २

देश पराया मनखी विराण, कै मा अपणी खैरी लगाण - २
खैरी खै खै की दिन छा कट्ण, दिन गिणी- गिणी मन तै बुझाण
घौर की आज याद छ आणी, दीदी भुली कि खुद सताणी - २

सडकियो मा देखा गाडियो की लैन, छोटी-छोटी बातो मा पड्दू फ़ैन - २
याद आणी छ चाका की लैन, रोड बिचारी बणी रैन्दी मौन
घौर की आज याद छ आण, भैजि भुला की खुद सताणी - २

मीठू पाणी कू हवेगे स्याणी, यख देखा बस यू लुण्या पाणी - २
याद छ आणी डान्डी-कन्ठी, मीलो तलक छ रेतेली जमी
घौर की आज याद छ आणी, माजी बाबा कि याद सताणी - २

घौर की आज याद छ आणी, माजी बाबा कि याद सताणी !
नी मणदू यु पापी पराण, गाव खोलो कि याद छ आण !!


एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - अर्जून रावत,  गीत - विनोद जेठुडी

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प्यारी तेरी याद औन्दी

प्यारी तेरी याद औन्दी, परदेश जैकी...
कै मा लगौ छ्वी बात मी, अपण दिल की - २ (मेल)
स्वामी जी तुम्हारी याद औन्दी, घास काटी की
हाथ फ़टी गेन स्वामी, मोल गाडी की - २ (फ़ेमेल)

होटल कु खाणु हे प्यारी, बडी लम्बी डयुटी - २
तेरी हाथ की बणायी प्यारी, याद औन्दी रोटी -२ (मेल)
याद तुम्हारी औन्दी हे स्वामी, रोन्दू घुटी घुटी -२
चिठठी मा लिखी दिया स्वामी, कब औण छुटटी - २ (फ़ेमेल)

प्राईवेट नौकरी हे प्यारी, मिलदी नी छुट्टी - २
बग्वालियो मा छुट्टी लेण की, दियी छ अर्जी - २ (मेल)
झट घर आवा हे स्वांमी, मन छ उदास - २
तुम बगैर मेरा हे स्वामी, भूख ना प्यास - २ (फ़ेमेल)

नौकरि और पापी माया न दुर करी दी - २
जान सी जादा चाहन्दू जितै, वीसी दुर छी - २ (मेल)
या गिची पापी पुटकी, जू तू नी होन्दी
दवी पैसो क बान कन, दुर लिजौन्दी - २ (फ़ेमेल)

हे प्यारी तेरी याद औन्दी, परदेश जैकी
कै मा लगौ छ्वी बात मी, अपण दिल की - २ (मेल)
स्वामी जी तुम्हारी याद औन्दी, घास काटी की
हाथ फ़टी गेन म्यार, मोल गाडी की - २ (फ़ेमेल)

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - गीता चन्दोला जी एंव अर्जून रावत, गीत - विनोद जेठुडी

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सेवा सौल्यी राजी खूशी

पहली-पहली मी सेवा लगान्दू,,,
दुजा मी खुशी मनान्दू,,
तीजा माया उलार...................
घरबटी तुम.. अंया बौजी, क्या लयु रैबार.. -२ (मेल)
पहली- पहली मी सेवा सलान्दू,,,
दुजा मी खुशी मनान्दू,,
तीजा माया उलार................
घर मा सभी..राजी-खुशी, डांडी-कांठियों मा बहार..- २ (फ़ेमेल)

खुद लगी छ मी भी जान्दू,,,
ना बौजी मी अब नी रौन्दू,,
मी भी जाणु घौर.................
सालो हवेगे खुद लगीं अब नी रौन्दू और... - २ (मेल)
ना दयोरा तू ईन ना बोदी,,,
घर जाण कि छ्वी ना लौदी,,
क्या करली घौर...................
नौकरी तै क्या मिलली, क्या होलु पगार..- २ (फ़ेमेल)

मांजी बाबा कि याद औन्दी,,,
डांडी-कान्ठियों की, खुद सतान्दी
करियाली मीन सौर.......................
देखा देखि पहुन्चीगे मी भी, सात समुद्र पोर..-२ (मेल)
हे दयोरा तु, खुब ही बोदी,,,
अपण देव,भुमी रौतेली,,
जौला बौडी घौर.........................
तुम ता बस्या दुर देश मा, बिराण पहुच्या धोर .. - २ (फ़ेमेल)

हे बौजी, भैजीकु खबर,,, ?
दीदी  भुलियों तै.. क्या रैबार,,
क्या होण छ घौर..........
गांव खोला और.. रिती-रिवाज, अपणो सी दुर.. -२ (मेल)
 हे भैजी तुम तै खबर,,,
दीदी भुलीयो तै यु रैबार,,
आवा बौडी घौर........................
अपणु मुलक.. अपणू देश, अपणो कु धोर.. - २ (फ़ेमेल)

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - गीता चन्दोला एंव अर्जून रावत, गीत विनोद जेठुडी
Copyright © 2010 Vinod Jethuri

गैर सैण बणा राजधानी

गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
देश विदेश क मनखि आला, देश विदेश क..........
देश विदेश क मनखि आला, लगी रैली आनी जाणी - २
रोड किनारा ढाबा खुलला, रोड किनारा.........
रोड किनारा ढाबा खुलला, क्विय बिचला चाय पाणी - २
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

बुढ्या बुढडी रै गेन बस, गांव कुडी छ्न बाज पुडी - २
उन्द शहरो मा चली गेनी जू, फिर नी देखि पिछे मुडी - २
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

 बैरी उ बण्या आज, जू सिया छ्न ताणि मारी - २
नेता बणी तै येस कना छ्न, कन कै होली खणी-बाणी - २
कन कै होली खणी-बाणी, कन कै होली खणी-बाणी (कोरस)
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

पहाडो क लोग पहाड मा राल, शहरो की बस होली स्याणी - २
टैन्को कु जमा पाणी छोडिक, प्योला धारु कु छालू पाणी - २
प्योला धारु कु छालू पाणी, प्योला धारु कु छालू पाणी (कोरस)
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

दान-सयाण ज्वान-जमान, सभी तै हमन जान्ची पुछी - २
बोल बोडा, बोल बोडी, कख हुयी चैन्दी राजधानी - २
कख हुयी चैन्दी राजधानी, कख हुयी चैन्दी राजधानी (कोरस)
कख हुयी चैन्दी राजधानी, कख हुयी चैन्दी राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी
देश विदेश क मनखि आला, देश विदेश क..........
देश विदेश क मनखि आला, लगी रैली आनी जाणी - २
रोड किनारा ढाबा खुलला, रोड किनारा.........
रोड किनारा ढाबा खुलला, क्विय बिचला चाय पाणी - २
गैर सैण बणा राजधानी, गैर सैण बणा राजधानी (कोरस)

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - गीता चन्दोला, गीत -विनोद जेठुडी
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ललीता छो छ्म (गढवाली एलबम)

घास काटी ललीता, भैसू घस्यान्दी,. घास काटी ललीता छो छ्म
घास काटी ललीता छो छ्म (कोरस)
डोल भोरी ललीता दुध पिजादी, दुध कतै ना छो छ्म
दुध कतै ना छो छ्म !! (कोरस)

रात उठी ललीता रतब्याणी कू, रात उठी ललीता छो छ्म
रात उठी ललीता छो छ्म (कोरस)
पाणी भोरि गागर लेन्दी य ललीता, पाणी कतै ना छो छ्म
पाणी कतै ना छो छ्म (कोरस)

छान्छ छोली ललीता ब्यखुनी बगत, छान्छ छोली ललीता छो छम
छान्छ छोली ललीता छो छम (कोरस)
नौणी भोरि परोठी लौन्दी य ललीता, घ्यू कतै ना छो छ्म
घ्यू कतै ना छो छ्म (कोरस)

कोदू पिसी ललीता चुन की रोटी, कोदू पिसी जन्दरू छो छ्म
कोदू पिसी जन्दरू छो छ्म (कोरस)
कोदु की रोटी. बाडी बणौ ललीता, चुनू कतै ना छो छ्म
चुन कतै ना छो छ्म (कोरस)

दाल बोयी ललीता भदाडोक बीच, दाल बोय़ी ललीता छो छ्म
दाल बोय़ी ललीता छो छ्म (कोरस)
दाल भात आज खैलै दे ललीता, दाल कतै ना छो छ्म
दाल कतै ना छो छ्म (कोरस)

पुन्गडियो मा साग पात य ललीता, पुन्गडियो मा साग छो छ्म
पुन्गडियो मा साग छो छ्म (कोरस)
बिथू कु साग मरसू बणै दे, साग कतै ना छो छ्म
साग कतै ना छो छ्म (कोरस)

घास काटी ललीता, भैसू घस्यान्दी,. घास काटी ललीता छो छ्म
घास काटी ललीता छो छ्म (कोरस)
डोल भोरी ललीता दुध पिजादी, दुध कतै ना छो छ्म
दुध कतै ना छो छ्म !! (कोरस)

एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - मीना राणा जी, गीत - विनोद जेठुडी

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Monday 11 October 2010

जै देवभूमी उत्तराखन्ड

देवभूमी उत्तराखन्ड तै समर्पित मेरी या कविता...."जै देवभूमी उत्तराखन्ड" .....

मात्रभूमी पित्रभूमी, देवभूमी यथोयथा ! - २
पंच-बदरी पंच केदार, पंच प्रयाग छन जख !!

शिव जटा बटी आणी छ गंगा मां, गंगा मां की सूणो कथा ! - २
राजा भगीरथ न करी जब, १००० सालो की घोर तपस्या !!

१२०० साल बटी आणी, नन्दा मां तेरी जात्रा ! - २
हर १२ वर्षो मा मां, औन्दा तेरी मैती वाला !!

देवभूमी की कुलदेवी माता, तूमतै नमन करदू सदा ! - २
यी धरती पर क्रपा करी मां, जी पर तेरा भग्त रैदां !!

ऊंची-ऊंची डांडी-कांठी, ठन्डो-ठन्डो पाणी जख ! - २
हरी-भरी हरियाली और, भलू-मयाली, मनखी तख !!

जन्मभूमी, तपोभूमी, पित्रभूमी यथोयथा ! - २
पंच-बदरी पंच केदार, पंच प्रयाग छन जखा !!

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Sunday 10 October 2010

घौर की खूद


8 अक्टूवर २०१० को काव्य एंव सान्स्क्रतिक सम्मेलन (KESS - 2020) दुबई मे प्रस्तुत की गयी व "ललीता छो छम्म" ग्ढवाली एलबम मे गीत के रुप मे यह कविता..

घौर की आज, याद छ आणी !
मांजी बाबा की, खुद सताणी !! - २
नी मणदू यू, पापी पराण !!!
गांव खोलो की, याद छ आण !!!!

देश पराया, मनखी विराण !
कै मा अपणी, खैरी लगाण !! - २
खुदेन्दू मन, दीन छां कटण !!!
दीन गिणी-गिणी, मन तै बुझाण !!!!
नी मणदू यु पापी पराण
दगडियो गैल्यो की, याद छ आण

सडकियो मा देखा, गाडियो की लैन !
छोटी-छोटी बातो मा, पोडदू छ फ़ैन !! - २
याद आणी छा, चाका की लैन !!!
रोड विचारी कन, बणी रैन्दी मौन !!!!
नी मणदू यू, पापी पराण
दीदी भुली की, याद छ आण

पडोसी अपणू, कू होलू कुजाणी !
एक हैकू दगडी, कभी नी बच्याणी !! - २
कभी हवेगे बिमार ता, कै मा बताण !!!
कन दीन कंटदा, और क्या लगाण !!!!
नी मणदु यू पापी पराण
भैजी भुला की, याद छ आण

छालू पाणी कू, हवेगे स्याणी !
यख देखा ता बस, यू लूण्या पाणी !! - २
याद आणी छ, हरी डान्डी कान्ठी !!!
मेरू पहाड की, रौतेली जमी !!!!
नी मणदू य़ू, पापी पराण
घौर की आज, याद छ आण

उन्ची ईमारत, उन्ची छ शान !
उन्चा छ लोग, उन्चा बच्यान्द !! - २
देश पराया, मनखी विराण !!!
हस्या खिल्या छ्वी, कैमा लगाण !!!!
नी मणदू यू पापी पराण
सुवा प्यारी की भी, याद छ आण

घौर की आज, याद छ आणी !
मांजी बाबा की, खुद सताणी !! - २
नी मणदू यू, पापी पराण !!!
गांव खोलो की, याद छ आण !!!!

विनोद जेठुडी,  अक्टूवर 2010
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Saturday 2 October 2010

उत्तराखन्ड क शहिदो तै श्रधान्जली



आज ही कू दिन २ अक्टूवर सन १९९४ तै प्रथक राज्य उत्तराखन्ड तै "मुजफ़्फ़रनगर कांड" मा अपण प्राण ख्वे देण वाल शहिदो तै  श्रधांजली.... ऊ शहिदो की वलिदानी उत्तराखन्ड क ईतिहास मा सदा अमर रालू...... "जय उत्तराखन्ड जय भारत"

सूणा उत्तराखन्ड वासी
तूम सूणी ल्यावा
अपण देवभूमी तै
तूम अगने बढावा

याद करा वे दिन
चराणनवे साल..
दवी अक्टूवर दिन
हवेन कन हाल..

मांग उत्तराखन्ड की हम
जाण छ दिल्ली..
मुज्जफ़रनगर मू पहुंची
चली गेन गोली..

कत्यो बहिणियों की मांग सून
कत्यो मां की गोद सून
लाठी मारी बहिण्यो तै
कत्यो की बहगी खून..

ऊ मां-बहिण्यो तै
हमारू प्रणाम
ऊ शहिदो तै
हमारू शलाम

उत्तराखन्ड कू विकास कला
ईन हम काम कला
देवभूमी पर अपणी
आंच कभी नी औणी दयोला

सूणा उत्तराखन्ड वासी
तूम सूणी ल्यावा
अपण देवभूमी तै तूम
अगने बढावा

विनोद जेठुडी, 02 अक्टूवर  2010, 12:49 AM
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