Monday 31 May 2010

यु छ मेरु, ऊ छ तेरू


यु छ मेरु, ऊ छ तेरू
द्वीयोंमा पुडयु झमेलु..!
बिच बचाण गै छ मीता
बणिग्यो ईन जन पिचक्यु गन्देलू

क्या मिललू और क्या ह्वे जालु ?
द्वेष छोडीक प्रेम अपनालू !
भोल कु क्वी पता नी छ लाटू..
पल भर मा पतानी क्या ह्वे जालू !!

ईक बुनू छौ मी छौ बडू..
हैकु बुनू छौ मी नीछ छुटटू !
सभी मनखी एक समान ..
पैसो पर छ क्या भरोशू ? !!

बीच बचोव मा अब नी जौलु !
युं झगडो सी दुर ही रौलु..
अहकार मा स्यो-बाघ बन्या छन
यों बाघो सी मै खये जौलु

"कत्का सुन्दर होली दुनिया
जु मिली जुली क राय
छोडी ईर्श्या, लालस, मनसा
प्रेम कु बाठु अपनाय"...

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Friday 28 May 2010

डामोन डमियाली


उत्तराखन्ड तै यून, डामो न डमीयाली..

छोट छोट गदनॊ पर भी, डाम बणैयाली..!

गगां जी कि दगडी, अत्याचार करियाली

लेली रुप विकराल, जब नी सहयाली ...!!

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

भली मयाली मुखुडी (गढवाली शायरी)

दिखणु छौ ता दिखदु रैगे.
 सुचणु छौ ता सुचदु रैगे..!
भली मयाली मुखुडी देखी..
दगडियो मी ता बौल्या बणी गे..!!

Copyright © 2010, Vinod Jethuri

Tuesday 11 May 2010

औरो तै देखा देखी मी भी, पुडीग्यो ये जंजाल मा

औरो तै देखा देखी मी भी, पुडीग्यो ये जंजाल मा
रुप्या पाणि खत्म हवेगेन, बणि ग्यो मी कन्गाल हां - २
डयुटि बटि जब औन्दु घौर, ब्वारि पुडि छ खाट मा
कभी कपाल, कभी टन्गडु, कभी दर्द पेट मा
                                         कभी दर्द पेट मा (कोरस) - २

ब्यो सि पहली स्वर्ग समान, लगदु ये संसार मा
छ्त्यानाश हवेगे अब ता, कजांण क औण मा - २
ब्यो करि तै सोची मीन रौलू, सुख चैन मा
और जादा मुन्डारु हवेगे, यी सरु का औण मा
                                        यी सरु का औण मा (कोरस) - २

डयुटी बटि जब औन्दु देर सी, खाणु बणाणु रात मा
ब्वारी बिचारि ताणिक सियी, वीतै किलाणु हाथ मा - २
सासू ब्वारी कि हवायी लडायी, तब ल्यो मी साथ मा
जू भी सपना देखी छ मीन, सब मिली गे राख मा
                                             सब मिली गे राख मा (कोरस) - २

ब्यो करि तै पछ्तै ग्यो मी, हवेगेन यु हाल हां
डाक्टरो कु चक्कर काटी, मुरिग्यो मी ये साल मा - २
भाड मजान्दू कपडा धोन्दू, कै मा ना तुम बुल्यान
जन मेरा हाल हुया छ्न, तन कैक ना हुयान
                                        तन कैक ना हुयान (कोरस) - २

नयी सुट साडी-बिलोज, लेन्दु हर तन्खवा मा
अपण ईन हाल हुया कि, दिन कटणु छ थिगलो मा - २
औरो तै देखा देखी मी भी, पुडी ग्यो ये जंजाल मा
रुप्या पाणि खत्म हवेगेन, बणि ग्यो मी कन्गाल हां
                                          बणि ग्यो मी कन्गाल हां (कोरस) - २

बणि ग्यो मी कन्गाल हां, बणि ग्यो मी कन्गाल हां
बणि ग्यो मी कन्गाल हां,बणि ग्यो मी कन्गाल हां...................

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Sunday 2 May 2010

त्यों डालियों ना काट बोडा हे

हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे - 2
ब्वाडी भी बतौव बोडा हे
डाली कभी नी काटी बोडी हे
हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे - (कोरस)

बसकाल जब औनदु बोडा हे
दवी डाली लगावा बोडा हे - 2
तुम ता चली जैल्या बोडा जी
डाली बची राली बोडा जी
हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे - (कोरस)

लखडो कु बान बोडा हे
जगलं कु नास बोडा हे - 2
सुख्या लखड काटा बोडा जी
घास- घास काटा डालियो कि
हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे - (कोरस)

त्यों सुख्या डाडं बोडा हे
हरी भरी बणावा बोडा हे -2
जीवन ही डाली बोडा हे
बरखा पाणि भी देन्दा बोडा हे
हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे - (कोरस)

हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डाल ना काट बोडा हे
हे बोडा सुणी ले बोडा हे
त्यों डालियों ना काट बोडा हे हे हे................

Copyright © 2010 Vinod Jethuri

Saturday 1 May 2010

ग्वेर छोरो क दगडी मा

गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेर छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
सडकी कि बाठी गोर लिजादिन, रोड करदिन बन्द हां
जन गाडी रुकदी भयो, ढुगं फ़िकदन टोल मां
ग्वेरू छोरा..................
गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेर छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां बुलदीन हुरर- हुरर हां - (कोरस)

गोर-बखर छोडी जगंल, ये जान्दीन उ सडकी मा
पिल्ला बणै तै गोली खिना छन, मस्त हुया छन खेलो मा
घर जाण कि येयी बारी, गोर पहुच्या छ्न धारी मा
गोर चराण जै छ भै मै ग्वेर छोरो क दगड मा
ग्वेरू छोरा..................
गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेर छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां, बुलदीन हुरर- हुरर हां - (कोरस)

क्वी-क्वी छोरा ईन भी होदन, छुट छोरो मा लडै करादिन
छुट छोरो तै पिटी-पिटी खन, गोरो तै भी उ डिकादिन
बड-बड ग्वेरू येस कना छ्न, छुट्टो क बुरा हाल हां
गोर चराण जै छ भै मै ग्वेर छोरो क दगड मा
ग्वेरू छोरा..................
गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेर छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां बुलदीन हुरर- हुरर हां - (कोरस)

क्वी चौलं क्वी तेल ल्यादू, क्वी लेन्दू आलु प्याज हां
ग्वेरू खिचडी बण छ तख, घनघोर जगलों बीच मा
कन बडी मौज औन्दी भयो, खैक ग्वेरु खिचडी हां
गोर चराण जै छ भै मै ग्वेर छोरो क दगड मा
ग्वेरू छोरा..................
गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेर छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां बुलदीन हुरर- हुरर हां - (कोरस)

आम फ़लेन्डू कि डाली मा जादन, दगडियों तै भी खुब खिलादिन
थैला भोरी तै कान्दी टन्कियू छ, बाठ-बटुयों तै भी देंदन
आम फ़लेन्डू खैक भयो, मन होन्दू तरोट हां
गोर चराण जै छ भै मै ग्वेर छोरो क दगड मा
ग्वेरू छोरा..................
गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेरू छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां बुलदीन हुरर- हुरर हां - (कोरस)

गोर चराण जै छ भै मै, ग्वेरू छोरो क दगडी मा
बल्द कि जोडी उ लडादिन, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां, बुलदीन हुरर- हुरर हां
बुलदीन हुरर- हुरर हां, बुलदीन हुरर- हुरर हां.......

Copyright © 2010 Vinod Jethuri